कहानी ःलॉकडाउन
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,,मम्मी... मेरा फाइनली सेलेक्शन हो गया... मार्च में ज्वाइन करना है... बस अगले महीने...!!...ओहो.. आइ एम टू एक्साइटेड...!!,,
जुहू अपनी मम्मी के गले से लिपटते हुए कहा।
,,हाँ, बेटा..!,तुमने इतनी मेहनत जो की थी..तो..!रीमा जी की आँखें भर आईं।
,,हाँ माँ...!,अब मेरी मेहनत पूरी हो गई है।
जुहू शर्मा एल एल एम (मास्टर्स इन लौ)कर लौ फर्म के लिए इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर रहा था।
आखिरकार मेहनत रंग लाई और हरियाणा के एक लॉ फर्म में एक अच्छी तनख्वाह में उसका चयन हो गया।
जुहू ने जोश में भरकर अपनी तैयारी शुरू कर दिया।सिर्फ 22साल में अपने पैरों पर खड़ा हो गया था ।
भविष्य के लिए हजारों सपने लेकर वह दिल्ली-हरियाणा आया तो था लेकिन भविष्य की आहट का किसे पता था!
सन् 2020-मार्च।
चाइना से भारत आने और संपूर्ण भारत के जीवन की धता बताने वाले कोरोना वायरस का आगमन हो गया था।
प्रधानमंत्री ने संपूर्ण लौकडाउन की घोषणा कर दी थी।
अधिकतर संस्थान तो बंद ही हो चुके थे।अच्छी और सर्वोच्च पदों में बैठे हुए लोगों की नौकरियों पर तलवार लटकने लगी थी।
जुहू को अभी आए पंद्रह बीस दिन भी नहीं हुए थे कि अब वापस लौटना था।
कंपनी ने रजिस्टर्ड लेटर पकड़ा दिया था-बरखास्तगी का।कंपनी ने सारे नए ज्वाइनिंग अभ्यर्थियों की छुट्टी कर दी थीहमेशा के लिए।
जुहू के पास घर लौट जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था।
एक तरफ हवाओं में कोरोना वायरस दिनों दिन जटिल होता जा रहा था।दूसरी तरफ बेरोजगारी नए सिरे से सिर उठा रही थी।
बहुत ही असमंजस की स्थिति थी..लौकडाउन और कोरोना... हर कोई रो रहा था बस..!!
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स्वरचित
सीमा...✍️🌹
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#लेखनी कहानी
#लेखनी कहानी सफर
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Farhan zamaan
09-Jan-2022 02:16 PM
nice
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Adeeba Nazar
09-Jan-2022 01:55 PM
good
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Gunjan Kamal
09-Jan-2022 09:59 AM
सत्य को उजागर करती कहानी शानदार प्रस्तुति 👌
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